इसकी कारण लोगों का उनके ‘स्त्रैण’ व्यवहार (महिला जैसी आदतें) का मजाक उड़ाना था, जो उनके मेंटल हेल्थ पर असर डाल रहा था. एक रिपोर्ट के मुताबिक, नागार्जुन (Nagarjuna) ने अपने पिता अक्किनेनी नागेश्वर राव (Akkineni Nageswara Rao) के बारे में बताया, ‘वो समय ऐसा था जब महिलाओं को अभिनेता बनने या मंच पर अभिनय करने की इजाजत नहीं थी. इसलिए, उन्होंने महिलाओं के रोल करना शुरू कर दिया. वे पहले मंच पर नायिका का किरदार निभाते थे’. सुपरस्टार ने याद करते हुए कहा, ‘मेरे साथ भाग्य ने एक मोड़ लिया. एक दिन जब मैं रेलवे स्टेशन पर था’.
जब खुद को मारना चाहते थे नागार्जुन के पिता
नागार्जुन (Nagarjuna) ने बताया, ‘तो ट्रेन में बैठे हुए फेमस निर्माता घंटसाला बलरामय्या ने मुझे देखा और बोले, ‘तुम्हारी आंखें और नाक बहुत अच्छी हैं. क्या तुम एक्टिंग करना चाहोगे?’ और फिर जो हुआ, वो इतिहास बन गया’. उन्होंने ये भी बताया, ‘मुझे अच्छे से याद है कि वो अपने कूल्हे मटका रहे थे. उन्हें लगता था कि ये एक्टिंग है, क्योंकि वो यही मंच पर करते थे’. नागार्जुन ने बताया कि कैसे लोग उनके पिता के ‘स्त्रैण’ व्यवहार (महिला जैसी आदतें) का मजाक उड़ाते थे, जिससे उनके पिता एएनआर बहुत दुखी हो गए थे. एक बार तो उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश भी की थी.